
बुद्ध ने कभी कोई शादी विवाह सगाई जन्मदिन मरण दिन …आदि का ,लोगों का ,कोई संस्कार नही किया , धम्म में ऐसा कोई काम नही होता , यह सब उस समय लोग खुद ही करते थे , बुद्ध के समय ना कोई जाति थी ,ना चार वर्ण थे ,ना कोई मुसलमान ,हिंदू,सिक्ख ,ईसाई था , ये शब्द ही नही थे बुद्ध के समय , ना ही आज के समय के किसी देवी -देवता का ही नाम है बुद्ध की किताबों में Iबुद्ध ने प्यार ,भई चारा ही सिखाया ज़िंदगी भर

सुधीर राज सिंह