
क्यों निकाले जाते हैं बहुजन समाज पार्टी से बड़े-बड़े नेता

Lucknow News:
क्योंकि बहन कुमारी मायावती को पार्टी के अंदर अनुशासनहीनता बिल्कुल भी पसंद नहीं है और यह बात साहब कांशीराम को भी पसंद नहीं थी, इसलिए साहब कांशीराम के समय बड़े-बड़े नेता जब भी अनुशासनहीनता करते थे तो उनको बाहर का रास्ता दिखा दिया करते थे. ऐसे एक नहीं सैकड़ों उदाहरण है जब साहब कांशीराम ने बहुत बड़े बड़े कद के नेताओं को पार्टी से बाहर निकाला था.
साहब कांशीराम कहा करते थे के समझदार माली वह होता है जो जब पेड़ की शाखाएं या डालियां टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती है तो उनको काट छांट के पेड़ को दुरुस्त किया जाता है और बाग को दुरुस्त किया जाता है, इसी तरीके से जब नेता लोग टेढ़े चलने लगे या अनुशासनहीनता करने लगे या संगठन को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने लगे तो उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना ही पार्टी के हित में होता है.बहन कुमारी मायावती भी उसी विचारधारा पर चलने वाली हैं उनको किसी भी स्तर के नेता की अनुशासनहीनता पसंद नहीं है इसीलिए वह ऐसा काम करती हैं. यही पार्टी हित में है. अगर किसी को बुरा लगता है तो यह उन तक है. लेकिन यह सच्चाई का सवाल है कि बाहर निकाले नेताओं की गलती ही ज्यादातर रही है साहब कांशीराम या बहन कुमारी मायावती की गलती बहुत कम रही है.एक उदाहरण के माध्यम से आप बहतर समझ सकते हैं…*कुत्ता और गाड़ी की कहानी* सुनी होगी कि दुपहरी के समय पर गाड़ी जा रही थी, एक कुत्ता गाड़ी के नीचे नीचे चलने लगा छाया के कारण धूप से बचने के
लिए.लेकिन थोड़ी देर के बाद उस कुत्ते को यह आभास होने लगा कि यह गाड़ी तो मेरे कारण ही चल रही है वही इस गाड़ी को चला रहा है.उसे इस बात पर गुमान होने लगा और इस बात का घमंड होने लगा.उसने सोचा कि मैं गाड़ी को चलाना बंद कर देता हूं. कुत्ता खड़ा हो गया जब खड़ा हो गया तो पता लगा गाड़ी चली गई और फिर वह चिलचिलाती धूप में आ गया.तब उसे एहसास हुआ कि गाड़ी मैं नहीं चला रहा था बल्कि गाड़ी के कारण मुझे सुरक्षा मिल रही थी, मैं छाया में चल रहा था धूप से सुरक्षा मिल रही थी.इस तरीके से कुत्ता जब चिलचिलाती धूप में आ गया तब उसे पानी भी पीने को नहीं मिला तो उसे अपनी औकात पता लगी.यही हालात बीएसपी के निकाले हुए नेताओं की है, सैकड़ों उदाहरण आपके सामने हैं.जो कांशीराम के साथ नहीं चल पाया बहन कुमारी मायावती के साथ नहीं चल पाया वह किसी के साथ नहीं चल पाया, किसी ने उनको नहीं पूछा और वह कुत्तों की जिंदगी बिता रहे हैं.
विरेन्द्र सिंह वीर