Home करियर फायर इंजीनियरिंग मे करियर कैसे और कहाँ से बनाये – FIRE ENGINEERING COURSE

फायर इंजीनियरिंग मे करियर कैसे और कहाँ से बनाये – FIRE ENGINEERING COURSE

0
फायर इंजीनियरिंग मे करियर कैसे और कहाँ से बनाये  – FIRE ENGINEERING COURSE

फायर इंजीनियरिंग मे करियर कैसे और कहाँ से बनाये

आग से दूर रहने के लिए तो हमें हर कोई बोलता है लेकिन क्या कभी आपने उन लोगों के बारे में सोचा है जिनका करियर ही आग से खेलना है। आग बुझाने के लिए ऐसा आदमी या ऐसी चीज चाहिए जो आग की किस्म, आग लगने के कारण, आग बुझाने के तरीके, आग बुझाने के सामान और आग में गिरे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के हुनर की जानकारी रखती हो। ऐसे में जो लोग आग से खेलते हुए करियर की बुलंदी तक पहुंचना चाहते हैं, वे डिप्लोमा से लेकर बी.ई. (फायर) करके नीचे दिए गए पदों तक पहुंच सकते हैं:

फायरमैन:

फायरमैन वह व्यक्ति होता है जो सीधे-सीधे आग से जूझता है। फायरमैन की टीम हर फायर स्टेशन में तैनात होती है।

सब ऑफिसर:

फायर टेंडर का लीडर सब ऑफिसर होता है, जिनके अंडर फायरमैन होते हैं। यह परिस्थिति का आकलन कर अपनी टीम को मार्गदर्शन देता है कि किस प्रकार से कम से कम नुकसान झेलते हुए आग को बुझाया जा सके।

स्टेशन ऑफिसर:

फायर स्टेशन का प्रमुख स्टेशन ऑफिसर होता है, जो ना सिर्फ फायर स्टेशन की टीम को लीड करता है बल्कि इस बात की पूरी जानकारी रखता है कि उसकी जिम्मेदारी के दायरे में आने वाले इलाके में किस तरह की फैक्ट्रियां, रिहाइशी इलाका है, जहां आग लग सकती है।

डिविजनल ऑफीसर:

डिविजनल ऑफिसर की ज़िम्मेदारी भी वही होती है जो असिस्टेंट डिविजनल ऑफिसर की होती है और तीन असिस्टैंट डिविजनल ऑफिसर पर एक डिविजनल ऑफीसर होता है।

डिप्टी चीफ फायर ऑफिसर:

पुरे फायर डिपार्टमेंट (अग्निशमन विभाग) की जिम्मेदारियां सुनिश्चित करना डिप्टी चीफ फायर ऑफिसर का काम होता है कि पूरा फायर डिपार्टमैंट हर परिस्थिति से निपटने के लिए सक्षम है।

चीफ फायर ऑफिसर:

फायर ऑफिसर पुरे फायर डिपार्टमेंट का बॉस होता है जिनकी निगरानी, निर्देश, से विभाग चलता है।

शैक्षणिक योग्यता:

इस फील्ड के लिए जितनी जरूरत डिग्री की है, उससे ज्यादा जरूरत कुछ व्यक्तिगत योग्यताओं की भी है।
साथ ही साहस, धैर्य के साथ लीडरशिप क्वालिटी, शीघ्र निर्णय लेने की क्षमता का होना जरूरी है तांकि किसी भी बड़ी दुर्घटना को कंट्रोल कर सके। फिर भी डिप्लोमा या डिग्री में दाखिले के लिए 12 वीं पास होना अनिवार्य है।
कुछ पदों के लिए बी.ई.(फायर) की डिग्री अनिवार्य है इस में प्रवेश के लिए ऑल इंडिया एंट्रेंस एग्जाम होता है उम्मीदवार केमिस्ट्री के साथ फिजिक्स या गणित विषय में 50% अंकों के साथ उत्तीर्ण हो।

शारीरिक योग्यता:

शैक्षणिक योग्यता के साथ इस फील्ड में करियर बनाने के लिए शारीरिक योग्यता भी देखी जाती है। पुरुषों के लिए न्यूनतम लंबाई 165 सेंटीमीटर, वजन 50 किलोग्राम, जबकि महिलाएं कम से कम 157 सेंटीमीटर लंबी हो, वजन कम से कम 46 किलोग्राम हो, आई विजन(नजर) दोनों के लिए 6/6 होनी चाहिए और उम्र 19 साल से 23 साल के भीतर हो।

कोर्स

डिप्लोमा इन फायर एंड सेफ्टी, पी.जी. डिप्लोमा इन फायर एंड सेफ्टी, बी.एस.सी इन फायर इंजीनियरिंग, सर्टिफिकेट कोर्स इन फायर फाइटिंग, फायर टेक्नोलॉजी एंड इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट, इंडस्ट्रियल सेफ्टी सुपरवाइजर रेस्क्यू एंड फायर फाइटिंग कोर्स शामिल है जिन की अवधि 6 महीने से लेकर 3 साल तक है।

अवसर

इसमें रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। आज सभी सरकारी और गैर सरकारी दफ्तरों में एक फायर इंजीनियर की नियुक्ति अनिवार्य कर दी गई है।
फायर इंजीनियर की जरूरत अग्निशमन विभाग के अलावा आर्किटेक्चर बिल्डिंग निर्माण, इंश्योरेंस असेसमैंट, प्रोजैक्ट मैनेजमेंट, रिफाइनरी, गैस फैक्ट्री, निर्माण उद्योग, प्लास्टिक, एल.पी.जी. तथा कैमिकल प्लांट, बहुमंजिला इमारतों व एयरपोर्ट आदि हर जगह उनकी खासी डिमांड है।

प्रमुख संस्थान

इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी, मैदान गढ़ी, नई दिल्ली www.ignou.ac.in
दिल्ली इंस्टिट्यूट ऑफ़ फायर इंजीनियरिंग, नई दिल्ली  www.dife.in
इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ सिक्योरिटी एंड सेफ्टी मैनेजमेंट, पुणे, महाराष्ट्र www.iism.com
इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट एंड फायर सेफ्टी, मोहाली, पंजाब www.idmfs.co.in

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here